हिन्दी के विकास में नागरी प्रचारिणी सभा का योगदान

Pages:319-320
Sarita (VPO, Birohar, Tehsil, Jhajjar, Haryana)

भारतेन्दु काल में साहित्य निर्माण का कार्य प्रचुर मात्रा में हुआ किन्तु उसके प्रचार प्रसार में अनेक बाधाएँ थीं। नौकरी पाने के इच्छुक लोग प्रायः अंग्रेजी और उर्दू की शिक्षा ग्रहण करते थे, क्योंकि अंग्रेजी शासकों की भाषा थी तथा उर्दू अदालतों की भाषा थी। हिन्दी प्रचार के लिए भारतेन्दु जी को बहुत से नगरों में जाना पड़ता था। बलिया में हिन्दी प्रचार के लिए बड़ी भारी सभा हुई जिसमें भारतेन्दु जी ने मार्मिक व्याख्यान दिया और अपना यह दोहा भी सुनाया

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