हरियाणा के ऋतु सम्बन्धी लोकगीतों में पर्यावरण

Pages:184-188
रेणु शर्मा (पी.एचडी. हिन्दी, सोनीपत, हरियाणा)

हरियाणा का नाम लेते ही एक ऐसे राज्य की छवि मानस पटल पर अंकित जो जाती है, जिसका अतीत समुज्ज्वल, धनधान्य से भरपूर और शौर्यपूर्ण है। यहाँ पर पुरातत्व और इतिहास का अपूर्व संगम देखने को मिलता है। हरियाणा भूमि एक कर्मभूमि है। यहाँ की जातियों में सदैव भारत भाग्य चक्र को गतिमान किया है। यहाँ की कुरूक्षेत्र जैसे धार्मिक क्षेत्र, पानीपत के कोसों तक फैले हुए रणक्षेत्र, आज भी यहाँ की जनता को कर्तव्य के लिए तत्पर करते रहते हैं। यहाँ की जलवायु में ऐसे तत्व विद्यमान हैं जो शक्ति एवं उत्साह देते हैं। यहाँ की शिवालिक गिरिमालाएं लाखों वर्षों पूर्व आदि मानव का अधिवास रही हैं। भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से यह प्रांत महत्वपूर्ण है। यह देव-भूमि, संस्कृति का पालना और राज्यों का ही नहीं समस्त भारत का भाग्य विधाता रहा है। वैदिक युग में यह ऋषियों का पावन तपस्थल था। कितने ही शास्त्र, ग्रन्थ एवं पुराण इसी पवित्र स्थान में प्रणीत हुए। वेदों की ऋचाओं और पवित्र मंत्रों के उच्चारण से गुंजित यह भूमि आज भी उस स्वर्णिम अतीत के रूप की झलक देकर जीवन की पवित्रता का संदेश देती रहती है।

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Pages:184-188
रेणु शर्मा (पी.एचडी. हिन्दी, सोनीपत, हरियाणा)