शिव मंगल सिंह सुमन की कविताओं बिम्ब विधान

Pages:312-314
वर्षा देवी (राजेन्द्र सेठ कालोनी, कैथल, हरियाणा)

बिम्ब-रचना काव्य का मुख्य व्यापार है। बिम्बों के द्वारा कवि वस्तु, घटना, व्यापार, गुण, विशेषता विचार आदि साकार तथा निराकार पदार्थों और मानव-क्रियाओं को प्रत्यक्ष एवं इन्द्रियग्राह्य बनाता है। डाॅ. भगीरथ मिश्र ने बिम्ब विधान की परिभाषा इस प्रकार दी है-‘‘वस्तु, भाव या विचार को कल्पना एवं मानसिक क्रिया के माध्यम से इन्द्रियगम्य बनाने वाला व्यापार ही बिम्बविधान है।’’1 बिम्ब दो प्रकार का होता है, ऐन्द्रिय बिम्ब और मानस बिम्ब। सुमन जी की कविता यद्यपि विचार-प्रधान और भाव-प्रधान है तथापि उन्हें मार्मिक सरस एवं संवेद्य बनाने की दृष्टि से उसमें कल्पना तथा अनुभूति के समवेत सहयोग से विभिन्न प्रकार के बिम्बों की सृष्टि हई है। बिम्ब के आस्वादन के माध्यमों के आधार पर बिम्बों के पांच प्रमुख प्रकार मान्य हैंः-

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वर्षा देवी (राजेन्द्र सेठ कालोनी, कैथल, हरियाणा)