प्रेमचन्द के साहित्य में किसान जीवन संबंधी समस्याओं का चित्रण

Pages:156-158
नीलम कुमारी (हिन्दी विभाग, फतहचन्द महिला महाविद्यालय, हिसार, हरियाणा)

प्रेमचंद को किसान जीवन का महान रचनाकार माना जाता है। किसान जीवन की समस्याओं के प्रति जो गहराई और गम्भीरता उनकी रचनाओं मंे दिखती है वह उनकी राष्ट्रीय हित चिन्ता के कारण है। प्रेमचन्द अत्यन्त विरल कोटि की साहित्यिक प्रतिभा थे। वे सच्चे अर्थों में साहित्यकार थे जिन्होंने वर्तमान के यथार्थ के पार जाकर आगत को अपनी दृष्टि से देखा था। इसी बिन्दु पर उनकी कहानियाँ और उपन्यास आज के लिए भी पूर्ण सार्थक और संगत है। प्रेमचन्द द्वारा रचित ‘गोदान’ कृषक जीवन का अमर महाकाव्य है। ‘गोदान’ कृषक जीवन और ग्रामीण समाज को पूरे विस्तार में मापता और गहराई में जाँचता है। अपने पात्रों की हर दुखती रग पर उंगली रख प्रेमचन्द उसका दर्द पूरी संवेदना मंे चित्रित करते हैं। वस्तुतः ‘गोदान’ में छोटे किसान की गरीबी का तो त्रासद चित्रण है ही, किसान की किसान से मजदूरी की ओर चले जाने की एक दुर्वह पीड़ा है, जिसे होरी जीवन भर ढोता है।

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Pages:156-158
नीलम कुमारी (हिन्दी विभाग, फतहचन्द महिला महाविद्यालय, हिसार, हरियाणा)