प्रसाद के साहित्य पर सामाजिक पुनर्जागरण का प्रभाव

Pages:151-152
Neelam Rani (JND Khalsa Girls College, Bhatinda, Punjab)

स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारत की नारी विविध क्षेत्रों में घर से बाहर आई है । नौकरी पेशा नारी ने विभिन्न क्षेत्रों शैक्षणिक, आर्थिक, राजनैतिक आदि में काम किया है। इसमें आॅफिस, काॅलेज, फैक्टरी, व्यवसाय विभिन्न क्षेत्रों में संबंधो का नया रुप सामने आया है । मतलब यहाँ स्त्री न प्रेमिका है ना पत्नी सिर्फ मित्र है । आर्थिक स्वावलंबन ने नारी को आत्म-निर्भर बनाया है । इससे नारी ने एक ओर यह भी अनुभव किया कि वह परिवार से अलग होकर भी जीवन व्यतीत कर सकती है दूसरी ओर आर्थिक रुप से स्वतन्त्र होने पर भी उसे सामाजिक रुढ़ियो से पूर्ण रुप में स्वतन्त्रता नही मिली है इसलिए वह परम्परागत संस्कार एवं वर्तमान स्थिति के बीच उलझ रही है । इस प्रकार नारी के व्यक्तित्व में आए बदलाव को लेखिका ने अनेक कामकाजी पात्रों की सृष्टि के द्वारा उजागर किया है ।

Description

Pages:151-152
Neelam Rani (JND Khalsa Girls College, Bhatinda, Punjab)