प्रसाद के साहित्य पर सामाजिक पुनर्जागरण का प्रभाव
Pages:303-305
प्रियंका शर्मा (दिल्ली पब्लिक स्कूल, हिसार, हरियाणा)
सामाजिक पुनर्जागरण सम्बन्धी आन्दोलनों के अन्तर्गत ब्रह्म समाज, आर्य समाज, थियोसोफिकल सोसाइटी, रामड्डष्ण मिशन, प्रार्थना समाज आदि सुधारवादी सामाजिक संस्थाओं ने देश में प्रचलित सती-प्रथा, बालविवाह, बहुविवाह, जात-पात, छुआछूत आदि अनेक कुरीतियों के विरु( आन्दोलन छेड़ने का संकल्प लिया। शिक्षित समुदाय की जागृति के फलस्वरूप इन सामाजिक पुनर्जागरण का आन्दोलनों का जन्म हुआ। ‘प्रसाद’ के साहित्य पर भी इन आन्दोलनों का प्रभाव दृष्टिगोचर होता है।
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Pages:303-305
प्रियंका शर्मा (दिल्ली पब्लिक स्कूल, हिसार, हरियाणा)