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जिला हिसार में आर्य समाज की भूमिका

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Pages: 1487-1493
दलीप कुमार (विभाग इतिहास, एकलव्य विद्यापीठ महाविद्यालय, भादरा, हनुमानगढ, राजस्थान)

उतर भारत तथा पंजाब में 19वीं शताब्दी के अन्त में तथा 20वीं शताब्दी के आरम्भ में समाज सुधार आंदोलनों विशेषकर आर्यसमाज ने अत्यन्त महत्त्वपूर्ण तरीके से समाज को प्रभावित किया। दयानन्द सरस्वती द्वारा 1875 में बम्बई में आर्य समाज की स्थापना की गई । इसकी एक शाखा जिला हिसार में 1886 में स्थापित की गई। जिला हिसार जोकि उस समय पंजाब प्रान्त का एक हिस्सा था, यहाँ आर्य समाज के प्रमुख नेताओं में लाला लाजपत राय, लाला चन्दूलाल, रामजीलाल, लाला हरिलाल तायल, बाबू चूड़ामणि और पं. लखपतराय जैसे अनुभवी आर्य समाजियों के निरीक्षण में सारी कार्यवाही चलती रहती थी। आर्य समाज की उपलब्धियों में जैसे-नवयुवकों में विद्या का प्रसार, अनाथालयों की सहायता, हैदराबाद सत्याग्रह में योगदान, अकाल पीड़ितों की सहायता, विस्थापित लोगों को भोजन, वस्त्र और शरण देने, स्त्रियों की स्थिति को सुधारने में, आधुनिक शिक्षा का प्रसार करने में तथा जात-पात और ऊँच-नीच के भेदभाव को दूर करने में आर्य समाज का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।

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Pages: 1487-1493
दलीप कुमार (विभाग इतिहास, एकलव्य विद्यापीठ महाविद्यालय, भादरा, हनुमानगढ, राजस्थान)