वृद्धावस्था में योगाभ्यासः एक प्रभावशाली यंत्र
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कुमारी आरती (मनोविज्ञान विभाग, टी. एन. बी. कालेज, भागलपुर, बिहार)
प्रस्तुत शोध वृद्धावस्था में योगाभ्यास के प्रभाव से संबंधित है। वृद्धावस्था दीर्घ जीवन की अंतिम अवस्था है जिसमें पाया गया कि योगाभ्यास से स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आधुनिक परिवेश में लोगों का योगाभ्यास के प्रति बढ़ता हुआ रुझान भी इसकी महता को दर्शाता हैं। वास्तव में वृद्धावस्था नित्य नये समस्याओं को जन्म देती है जो व्यक्ति को दुखी करता है तथा जो उनमें मानसिक एवं शारीरिक गिरावट लाता है। किन्तु कुछ लोग योगाभ्यास जैसी चुनौतियों या संकल्प को अपनाकर एक स्वास्थ्य ताजगी भरे एवं जिन्दादिली के साथ जीवन यापन करते हैं। प्रस्तुत शोध में 100 पुरुष प्रतिदर्श पर अध्ययन किया गया है। जिनमें 50 ऐसे पुरुष प्रतिदर्श थे जो कभी योगाभ्यास नहीं करते हैं और 50 ऐसे पुरुष प्रतिदर्श थे जो नित्य प्रातः योगाभ्यास किया करते हैं। क्रान्ति अनुपात विधि (टी.) द्वारा इसके प्रदत्त विश्लेषण से ज्ञात होता है कि योगाभ्यास द्वारा वृद्धावस्था में होने वाली समस्याओं पर बहुत हद तक नियंत्रण प्राप्त किय जा सकता है जिसका मुख्य आधार योगाभ्यास है। जिसमें नियमित रूप से आसन-प्राणायामों को किया जाता है।