वायु प्रदूषण एवं नियन्त्रण के उपाय

Pages: 289-292
Hariom (Department of Geography, Ch. Bansi Lal Govt. College, Loharu, Bhiwani, Haryana )

पृथ्वी पर समस्त प्राणियों एवं पादप समुदाय के लिए वायु एक जीवनदायी तत्व है। शुद्ध वायु स्वस्थ जीवन का आधार है। पृथ्वी पर जीवन इस वायुमण्डल के कारण ही संभव हो सकता है। वायु प्रदूषण के कारण वायु की प्राकृतिक गुणवत्ता में प्रतिकूल परिवर्तन है। वायु के भौतिक, रासायनिक, जैविक गुणों में ऐसा ऋणात्मक परिवर्तन जिसके द्वारा स्वयं मनुष्य तथा अन्य जीव जन्तुओं के जीवन, परिस्थितियों तथा सांस्कृतिक संपक्ति को नुकसान पहुँचाए, वायु प्रदूषण कहलाता है। वर्तमान में वायु प्रदूषण आर्थिक विकास, तकनीकी व वैज्ञानिक प्रगति, औद्योगिक वृद्धि तथा नगरीयकरण की देन है। किसी भी देश के विकास के लिए इनका होना जरुरी भी है। तथा वह विकसित होकर आगे बढ़ सकता है। जिसके फलस्वरूप वायु प्रदूषण का होना स्वाभाविक है। वायु प्रदूषणों के व्यापक दुष्प्रभावों को देखते हुए इन पर नियंत्रण के लिए उपाय आवश्यक है।

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Hariom (Department of Geography, Ch. Bansi Lal Govt. College, Loharu, Bhiwani, Haryana )