राष्ट्रीय स्वातन्त्र्य आन्दोलन और हिन्दी साहित्य
Pages:207-208
Anju Bala (Village Mandhi Piranu, Mandhi Hariya, Charkhi Dadri. Bhiwani, Haryana)
भारत के स्वाधीनता-संग्राम का इतिहास भी उतना ही लम्बा है, जितना हमारी परतन्त्रता का इतिहास। भौगोलिक राजनीतिक एकता की उपेक्षा करने के कारण हमारे प्राचीन गणराज्य बार-बार पराजित हुए। यह देश एक हजार से भी अधिक वर्षों तक गुलाम रहा, परन्तु फिर भी यद्यपि इसका सांस्कृतिक स्वरूप अक्षुण्ण रहा। भारत अपनी प्राचीन समृद्ध एवं नित-नवीन सांस्कृतिक विरासत के कारण आज भी वैदिक, औपनिषदिक, पौराणिक जीवन पद्धति और मूल्यों से कहीं न कहीं जुड़ा हुआ है। भारत की राष्ट्रीयता का आधार राजनैतिक एकता न होकर सांस्कृतिक एकता रही है। मुहम्मद इकबाल ने इसी तथ्य की ओर इंगित करते हुए लिखा था….
Description
Pages:207-208
Anju Bala (Village Mandhi Piranu, Mandhi Hariya, Charkhi Dadri. Bhiwani, Haryana)