भक्ति एवं सूफी आंदोलन
Pages:145-148
बलबीर सिंह (एन.एम. गवर्नमैंट पी.जी काॅलेज, हांसी, हिसार, हरियाणा)
मध्यकालीन भारत में भक्ति तथा सूफी दो महत्वपूर्ण आंदोलनों का उदय हुआ। दोनेां आंदोलनों का उद्देश्य धर्म तथा समाज में आई कुरूतियों को दूर करना था। भक्ति आंदोलन एक ंिहंदू धर्म आंदेलन था जबकि सूफी एक इस्लामी धर्म आंदोलन था। ’वैसे तो भारत के विभिन्न भागों मे धार्मिक, सामाजिक सुधार आंदोलन एवं 9वीं शताब्दी से ही चलते आ रहे थे’1 लेकिन 16वीं शताब्दी तब आते-आते इन आदांेलनों ने महत्वूपर्ण भूमिका अदा की। सल्तनत राज्य की स्थापना के साथ मुस्लिम देशों से बड़ी संख्या में सूफी भारत में आए तथा देश की विभिन्न हस्सिों में बस गये। भारत में इस्लाम के आगमन से भारतीयों को सामाजिक, राजैनति एवं सांस्कृ िजीवन में हलचल पैदा कर दी व एक मिश्रित संस्कृति की आधाशीला रखी। हिंदू व मुस्लिम संस्कृतिक में सामंजस्य स्थापित करने के लिए ही भक्ति व सूफी आंदोलन चले हिन्होंने तेहरवीं शताब्दी से सौलहवीं शताब्दी तक भारत मंें अपना प्रभाव डाला।
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Pages:145-148
बलबीर सिंह (एन.एम. गवर्नमैंट पी.जी काॅलेज, हांसी, हिसार, हरियाणा)