धान को बढ़ावा देने वाली सरकारी योजनाओं का अध्ययन
Pages:155-157
Rakesh Mittal (Department of History, Shri Ram College, Kaithal, Haryana)
हरियाणा सरकार ने अपनी स्थापना के साथ ही कृशि की उन्नति की ओर विशेश ध्यान दिया। 1966-70 तक हरियाणा सरकार ने कृशि क्षेत्र से जुड़ी हुई समस्याओं को पहचाना तथा 1970 के बाद इन समस्याओं को तेजी से हल करने का प्रयास करना। कृशि क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए सरकार ने 1970 के बाद कई एजैन्सीयों व निगमो की स्थापना की जिन्हें भिन्न-भिन्न कृशि क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं को हल करने का कार्य सौंपा गया। इन ऐजैन्सियों व निगमों ने बडी मेहनत के साथ कार्य किया। इनके द्वारा कृशि क्षेत्र से जुडी समस्याओ को हल करने के लिए जो कार्य किए गए उसके प्रगतिशील परिणाम भी जल्द ही सामने आए। इन ऐजैसियो के प्रयास के फलस्वरूप ही हरियाणा में विभिन्न फसलो के अधीन जहां कृशि क्षेत्र में बढोतरी हुई वही कुल उत्पादन व औसत प्रति एकड उत्पादन में भी वृद्धि दर्ज की गइ। जहां 1996 में हरियाणा में धान के अंतर्गत कृशि क्षेत्र 1.22 लाख हैक्टेयर तथा औसत उपज 11.16 कि. प्रति हैक्टेयर थी वहा 2001 तक यह बढ़कर क्रमशः 16.5 व 30 कि. हो गई।1
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Pages:155-157
Rakesh Mittal (Department of History, Shri Ram College, Kaithal, Haryana)