कत्थक नृत्य में गायन की अभिव्यक्ति
Original price was: ₹ 201.00.₹ 200.00Current price is: ₹ 200.00.
Page: 456-458
दीक्षा साहू एव ईना शास्त्री (विभाग नृत्य, वनस्थली विद्यापीठ, जयपुर, राजस्थान, एव विभाग संगीत, वनस्थली विद्यापीठ, जयपुर, राजस्थान)
Description
Page: 456-458
दीक्षा साहू एव ईना शास्त्री (विभाग नृत्य, वनस्थली विद्यापीठ, जयपुर, राजस्थान, एव विभाग संगीत, वनस्थली विद्यापीठ, जयपुर, राजस्थान)
गीतं, वाद्यं तथा नृत्यं त्रयम् संगीत मुच्यते‘ अर्थात् गीतं, वाद्यं तथा नृत्यं से सजी सुंदर अन्वीती को संगीत कहते हैं। प्रस्तुत शोध पत्र में संगीत की विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया है। संगीत की प्रमुख विधा ‘नृत्य‘ का अतिप्राचीन काल से संबंध है। यह आलेख उत्तर भारत की शास्त्रीय नृत्य शैली ‘कथक‘ की विभिन्न विचारधाराओं को उजागर करने का प्रयास करता है। नृत्य में प्रयोग की जाने वाली विभिन्न गायन विधाओं जैसे- ध्रुपद, धमार, ठुमरी, भजन, गज़ल, चतुरंग इत्यादि की विशेषता और महत्वता पर प्रकाश डाला गया है।