’आशाशिशु’ उपन्यास की कथावस्तु की समीक्षा

Pages:69-71
सरोज बाला (गवर्नमेंट सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, पटेल नगर, हिसार, हरियाणा)

आशाशिशु’ उपन्यास के रचनाकार-डा.सूर्यनारायण द्धिवेदी हैं इस उपन्यास का प्रकाशन श्री श्री राधा प्रकाशन, वाराणसी से सन् 1999 इसवी में हुआ था। इसकी कथा देवर्शि नारद के पौराणिक चरित्र से जुडी हुई है। देवर्शि नारद का चरित्र प्रायः एक मनोरंजक पात्र के रुप में लोक के सामने आया है, पर वास्तव में देवर्शि नारद एक ऐसे चरित्र की संज्ञा हैं जिसमें समस्त विधाओं को अधिगत करने के पश्चात् अपनी साधना एवं उपासना के आधार पर विश्व के स्रश्टा, रक्षक एवं संहर्ता तीनों शक्तियों की अनुकम्पा पा ली थी। अतएव आदिकाल से ब्रह्य,विश्णु एवं शिव के अतयन्त प्रिय पात्रों में हो गए। देवर्शि नारद के श्नारदपुराण श्के अनुसार तीन जन्म हुए। पहले जन्म में वे उपवर्हण नाम के गन्धर्व थे।जहां से शापवश उन्हें मृत्युलोक में एक दासी पुत्र होना पडा। तीेसरे जन्म में वे साक्षात् ब्रह्य के पुत्र हुए। जहां उन्होंने विविध चरित्रों का समुद्धार कर्म किया।

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सरोज बाला (गवर्नमेंट सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, पटेल नगर, हिसार, हरियाणा)