जीव मंडल आभाररू वन्यजीव संरक्षण

Pages: 279-281
Somvir Soni (Department of Geography, Ch. Bansi Lal Govt. College, Loharu, Bhiwani, Haryana)

वर्तमान वैज्ञानिक तथा असंतुलित विकास के युग में तीव्र गति से जैव विविधता का क्षरण हो रहा है। अतः इसके संरक्षण की महता आवश्यकता समझी जा रही है। सर्वप्रथम 1971 में मनुष्य तथा जीवमण्डल कार्यक्रम के अंतर्गत जीवमण्डल आगार की संकल्पना का उद्भव हुआ तथा प्रथम जीवमण्डल प्रारक्षण का अभिनिर्धारण सन् 1976 मेें किया गया। भारत में अधिकांश वन्य जन्तु अब संकटपन्न हो गए है क्योंकि उनकी संख्या में तेजी से गिरावट हो रही है। इसलिए वन्य जीवों का संरक्षण अत्यन्त आवश्यक है। भारत में वन्य जीवों के प्रबंधन के पहले उनका मूल्यांकन करना अतिआवश्यक है। वन्य जन्तु की रक्षा करने के लिए राष्ट्रीय उधान, वन्यजीव अभ्यात्ण्य घोषित किए गए जहाँ मनुष्य द्वारा इनके किसी भी भाग का उपयोग वर्जित माना जाता है। बाघों की समुचित रक्षा के लिए ‘‘प्रोजेक्ट टाईगर’’ नामक राष्ट्रीय योजना सन् 1973 में प्रारम्भ की तथा इसके तर्क पर हाथियों की रक्षा के लिए सन् 1992 में ‘‘प्रोजेक्ट हाथी’’ योजना प्रारम्भ किया गया।

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Pages: 279-281
Somvir Soni (Department of Geography, Ch. Bansi Lal Govt. College, Loharu, Bhiwani, Haryana)